नई दिल्ली : दो मुख्यमंत्री। एक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बैठे हुए तो दूसरे आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई में। लेकिन गुरुवार का दिन अरविंद केजरीवाल और एकनाथ शिंदे दोनों के लिए बहुत बड़ा सुकून लेकर आया। दोनों को ये सुकून सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग फैसलों से मिले। ऐसा सुकून जिससे दोनों की बांछें खिल गई होंगी। हो भी क्यों न। केंद्र बनाम दिल्ली सरकार के अधिकारों की लड़ाई में अरविंद केजरीवाल सरकार को ऐतिहासिक जीत जो मिली है। वह दिल्ली के असली बॉस जो बने हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे सरकार को तो एक तरह से अभयदान ही मिल गया। खतरा टल गया। लेकिन एक तीसरे शख्स भी हैं जो शायद आज बहुत पछता रहे होंगे। उद्धव ठाकरे आज हाथ मल रहे होंगे कि काश! फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा नहीं दिए होते तो आज सत्ता में वापसी हो सकती थी। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के दोनों ही फैसले सर्वसम्मति से हुए। बेंच में शामिल किसी भी जज ने डिसेंट वर्डिक्ट नहीं दिया।