ईरान में 100 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली स्टूडेंट्स को जहर देने का आरोप है। ईरान में पिछले साल 16 सितंबर को हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। इसके बाद करीब पांच हजार छात्राएं रहस्यमयी तौर पर बीमार हो गई थीं।
ग्लोबल प्रेशर के बाद ईरान सरकार ने मामले की जांच कराई। इसमें सामने आया कि स्टूडेंट्स के पानी में धीमा जहर मिलाया गया था। सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई की आदेश के बाद सरकार ने कार्रवाई की। खामनेई ने कहा था- जो भी कसूरवार हो, उसे फांसी पर लटकाया जाए। इसके बाद इब्राहिम रईसी की सरकार पर दबाब बढ़ गया।