राज्यपाल ने 14 दिन बीतने के बाद भी आरक्षण के विधानसभा से पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस पर अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नाराजगी खुलकर सामने आई है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि राज्यपाल की ओर से पहले कहा गया था कि वो फौरन हस्ताक्षर करेंगी। अब स्टैंड बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई है कि विधानसभा से पारित किए जाने के बाद भी प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
तीन दिनों तक मुख्यमंत्री महासमुंद जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के बाद रायपुर लौटे। उन्होंने एयरपोर्ट पर आरक्षण मसले पर राजभवन की ओर से विभागों से किए जा रहे सवालों पर कहा- उन्हें वो अधिकार ही नहीं। राजभवन के विधिक सलाहकार हैं, गलत सलाह दे रहे हैं । पहले राज्यपाल ने कहा था कि जैसे ही विधानसभा से प्रस्ताव आएगा मैं हस्ताक्षर करूंगी। आरक्षण किसी एक वर्ग के लिए नहीं होता है। सारे नियम होते हैं क्या राजभवन को पता नहीं, विधानसभा से बड़ा है क्या कोई विभाग ?
CM ने तीखे अंदाज में कहा- विधानसभा से पारित होने के बाद किसी विभाग से जानकारी नहीं लनी जाती। भाजपा के लोगों के इशारों पर राजभवन का खेल हो रहा है। राज्यपाल की ओर से स्टैंड बदलता जा रहा है। फिर कहती हैं कि केवल आदिवासियों के लिए बोली थी, आरक्षण सिर्फ उनका नहीं सभी वर्गों का है। आरक्षण की पूरी प्रक्रिया होती है।