रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने 152 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है। ये सभी संपत्ति कोल लेवी स्कैम में आरोपियों के हैं। मुख्य आरोपी के पास से जब्त एक डायरी से पता चाल है कि उसमें अवैध वसूली की राशि की किस-किस के पास गई है, इसकी जानकारी है। ईडी ने कहा है कि इस तरह की वसूली राज्य मशीनरी की सहभागिता के बिना संभव नहीं है। जांच में यह पता चला है कि निर्बाध रूप से अवैध वसूली बिना किसी एफआई के राज्य में दो साल से चल रही थी। दो साल में करीब 500 करोड़ से अधिक की वसूली हुई है। जांच की आंच सीएम ऑफिस तक पहुंच गई है। सीएम डेप्युटी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।
ईडी ने यह भी कहा है कि गिरफ्तार लोगों के ऊपर से निर्देश मिलता था। वहीं, जिन लोगों से इन्हें निर्देश मिलते थे, वह राज्य की मशीनरी में अच्छी पकड़ रखते हैं। ईडी जबरन वसूली रैकेट के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। एजेंसी ने अपनी जांच के दौरान कहा है कि इसने उस मॉडस अपरेंडी का पर्दाफाश किया है, जिसमें कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई जैसे लोग जबरन वसूली सिंडिकेट के प्रभावशाली सदस्य के रूप में शामिल थे।