लगभग तीन साल पहले चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस लैब में बनाया गया था। यह दावा हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रू हफ ने अपनी किताब ‘द ट्रुथ अबाउट वुहान’ में किया है। उनका कहना है कि अमेरिकी सरकार चीन में कोरोना वायरस बनाने के प्रोजेक्ट को फंड कर रही थी। हफ इस लैब में काम भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में फैले कोरोना से अब भी पूरी दुनिया जूझ रहे है। संक्रमण के अब तक 65 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 66 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
लैब से लीक हुआ वायरस
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हफ का कहना है कि वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। इस लैब को चीनी सरकार फंड करती है। हफ का दावा है कि सुरक्षा में चूक होने की वजह से वायरस लीक हुआ, जिसके बाद महज कुछ दिनों में यह पूरी दुनिया में फैल गया।