भारत सरकार ने शुक्रवार को ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022’ का ड्राफ्ट पेश किया है। इस बिल का उद्देश्य डिजिटल पर्सनल डेटा के आसपास रेगुलेशन प्रोवाइड करना है। यह नया बिल लोगों के अपने पर्सनल डेटा को प्रोटेक्ट करने के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए पर्सनल डेटा को प्रोसेस करने की आवश्यकता दोनों को मान्यता देता है। इस बिल में सरकार ने लोगों के पर्सनल डेटा का गलत इस्तेमाल यानी कानून तोड़ने वाली कंपनियों पर पेनल्टी की राशि बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए तक कर दी है।
पिछला डेटा प्रोटेक्शन बिल कर दिया गया था रद्द
पिछला डेटा प्रोटेक्शन बिल इस साल की शुरुआत में संसदीय मानसून सत्र के दौरान रद्द कर दिया गया था। अब मंत्रालय ने इसका नाम बदलकर पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल कर दिया है, जो पूरी तरह से यूजर डेटा से जुड़े कानूनों पर जोर देता है। केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022 के ड्राफ्ट पर लोगों से उनकी राय भी मांगी है।