सरकारी विभागों में आरक्षण रोस्टर के मुताबिक काम हो रहा है या नहीं यह जांचने के लिए सरकार अलग प्रकोष्ठ-सेल का गठन करेगी। आदिवासी समाज के प्रतिनिधियाें की शिकायत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने 32% आदिवासी आरक्षण को दोबारा बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाने का भरोसा भी दिलाया है। उच्च न्यायालय के फैसले की वजह से आरक्षण की व्यवस्था उलट गई है।
आदिवासी वर्गों से गोंड़, उरांव, भुईंया, कंवर, मुण्डा, पंडो, मंझवार, नगेसिया, नागवंशी समाजों के प्रतिनिधि मंगलवार शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने पहुंचे थे। वहां आरक्षण मुद्दे पर बात हुई। प्रतिनिधियों ने यह भी बताया, सरकार ने विभिन्न विभागों में जो आरक्षण रोस्टर बना रखा है उसका भी पालन नहीं होता। इसकी वजह से पदाेन्नति आदि में आदिवासी समाज का हित प्रभावित हो रहा है। साथ ही सहकारी समितियों में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने की बात भी आई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समस्त शासकीय विभागों में रोस्टर के नियमित रूप से पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ के गठन की घोषणा की।