फाइनेंस मिनिस्ट्री ने शनिवार (22 अक्टूबर) को अपनी लेटेस्ट मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट जारी की है। सितंबर महीने की इस रिपोर्ट में मिनिस्ट्री ने कहा कि ग्रोथ और स्टैबिलिटी को लेकर इंडिया की चिंताएं दूसरे देशों के मुकाबले कम हैं। मंत्रालय की इस रिपोर्ट में मीडियम टर्म में इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ 6% से ऊपर रहने का अनुमान भी जताया गया है।
सप्लाई चेन पर दबाव की वजह से 2023 में बढ़ सकती है महंगाई
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल एनर्जी क्राइसिस और सप्लाई चेन को लेकर चिंता बनी हुई है। ग्लोबल कनफ्लिक्ट्स बढ़ने से सप्लाई चेन पर दबाव फिर से बढ़ सकता है। इसकी वजह से 2023 में महंगाई (इनफ्लेशन) कम होने की बजाय बढ़ सकती है। एक ओर फेडरल रिजर्व महंगाई के खिलाफ लड़ाई में आक्रामक बना हुआ है, जिससे ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का संकेत मिल रहा है। इससे कैपिटल फ्लो कम हो सकता है।
इकनॉमिक ग्रोथ के साथ भारत की स्थिति दूसरे देशों से बेहतर
रुपए पर दबाव बढ़ सकता है और आवश्यक वस्तुओं का इंपोर्ट महंगा हो सकता है। इससे महंगाई बढ़ सकती है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि बेशक भारत को ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रंट पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मगर, बेहतर इकनॉमिक ग्रोथ के साथ भारत की आर्थिक स्थिति दूसरे देशों से बेहतर है। भारत की आर्थिक विकास दर और उसकी स्थिरता से जुड़ी चिंताएं दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में कम चिंताजनक है।