इस साल नोबेल पीस प्राइज (नोबेल शांति पुरस्कार 2022) एक व्यक्ति और दो संगठनों को दिया गया है। बेलारूस के ह्यूमन राइट्स एडवोकेट आलिस बिलिआत्स्के को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में इस पुरस्कार का ऐलान किया गया।
आलिस के अलावा रशियन ह्यमून राइट्स ऑर्गनाइजेशन मेमोरियल और यूक्रेनियन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को दिया गया है। ये दोनों ही संस्थान मानवाधिकार के लिए काम करते हैं।
आलिस ने 1980 में बेलारूस की तानाशाही के खिलाफ डेमोक्रेसी मूवमेंट का आगाज किया। वो आज तक अपने ही देश में सच्चा लोकतंत्र बहाल करने की जंग लड़ रहे हैं। रूस-यूक्रेन जंग में बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको व्लादिमिर पुतिन के साथ खड़े हैं। आलिस ने विसाना नाम का संगठन तैयार किया। यह ऑर्गनाइजेशन जेल में बंद लोकतंत्र समर्थकों को कानूनी मदद मुहैया कराता है।
2011 से 2014 तक आलिस जेल में रहे। 2020 में उन्हें फिर अरेस्ट कर लिया गया और अब तक जेल में हैं।