सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को BCCI के कूलिंग ऑफ पीरियड में बदलाव को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद अब कोई पदाधिकारी स्टेट बॉडी में तीन साल से ज्यादा और BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बना रहेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को मिल सकता है।
अब स्टेट बॉडी और बोर्ड के कार्यकाल को एकसाथ नहीं माना जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब राज्य क्रिकेट एसोसिएशन और BCCI के कार्यकाल को एक साथ नहीं माना जाएगा। ऐसे में कोई अधिकारी राज्य क्रिकेट में छह साल काम करने के बाद BCCI में भी छह साल काम कर सकता है। बीसीसीआई में लगातार छह साल पूरे होने के बाद तीन साल तक कोई भी पद पर नहीं रह सकता है।
पहले समझें कूलिंग ऑफ पीरियड क्या है?
कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी ने 2018 में सिफारिश की थी। बाद में इन्हें तभी से लागू कर दिया गया। इसके मुताबिक, कोई भी पदाधिकारी पहले स्टेट बॉडी में तीन साल या उससे ज्यादा समय तक पद पर रहता है तो वह बोर्ड में सिर्फ तीन साल और पद पर रह सकता है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, अब कोई भी पदाधिकारी तीन साल स्टेट और बोर्ड में 6 साल तक किसी भी पद पर रह सकता है।