बिहार में भाजपा को सत्ता से दूर करने के बाद नीतीश कुमार मिशन 2024 की तैयारी में जुट गए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को वे 3 दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे। पहले दिन ही उन्होंने विपक्ष के 5 बड़ें नेताओं से मुलाकात की। इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कर्नाटक के पूर्व CM और JDS नेता एचडी कुमारस्वामी, CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और NCP सुप्रीमों शरद पवार शामिल हैं।
इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और ओडिशा के CM बीजू जनता दल के नेताओं से भी नीतीश की मुलाकात प्रस्तावित है। राजनीतिक गलियारों में नीतीश के दिल्ली दौरे को विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार में भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद से ही नीतीश लगातार विपक्षी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।
अगर, नीतीश के प्रयास सफल रहे तो 2024 के चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ-साथ सभी क्षेत्रिय पार्टियां साथ आ सकती है।यह पहली बार नहीं है, जब नीतीश महागठबंधन बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। 2015 में भी उन्होंने कोशिश की थी, लेकिन तब वे सफल नहीं हो सके थे।
यह सब उनके साथ इसलिए हुआ, क्योंकि वे उइगर मुसलमान हैं। जियावुडुन के पति कजाकिस्तान से हैं। वे दोनों 5 साल यहां रहकर 2016 में शिनजियांग लौटे। उनके आने पर उनसे पूछताछ हुई। उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए। कुछ महीनों बाद पुलिस ने उन्हें एक मीटिंग में जाने के लिए कहा। यहां उन्हीं की तरह और भी उइगर मुसलमान और कजाकी लोग थे। इन लोगों को यहां गिरफ्तार कर डिटेंशन कैंपों में भेज दिया गया।