तमिलरॉकर्स वेब सीरीज सोनी लिव पर रिलीज हो चुकी है। ये सीरीज गैरकानूनी तरीके से सालों से चली आ रही पाइरेसी के काले धंधे पर बनी है। पाइरेसी, मतलब किसी कॉपीराइट वाली फिल्म, कंटेंट या वीडियो को गैरकानूनी तरीके से सर्कुलेट करना।
सुनने में ये एक छोटा सा शब्द और छोटी सी प्रोसेस लगती है, लेकिन इससे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को अरबों रुपए का नुकसान होता है। ऑनलाइन फिल्मों की पाइरेसी से ओटीटी प्लेटफॉर्म को 2022 में 24.63 हजार करोड़ (3.08 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है, जबकि पाइरेसी करने वाला भारत दुनिया में यूएस और रशिया के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश है।
सख्त कानून और नियम होने के बावजूद भारत में धड़ल्ले से पाइरेसी हो रही है। हाल ही में, लाल सिंह चड्डा और लाइगर जैसी बड़ी फिल्में पाइरेसी का शिकार हो गईं। वहीं डिज्नी प्लस हॉटस्टार और जी एंटरटेनमेंट भी पाइरेसी से रेवेन्यू में कमी आने पर साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवा चुके हैं।
पाइरेसी में सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत का उछाल कोरोना काल में आया, जबकि इसकी शुरुआत 80 के दशक में तब हुई, जब देश में वीसीआर प्लेयर आया। पहले केबल टीवी, सीडी, डीवीडी, इंटरनेट पाइरेसी का सोर्स थे, लेकिन अब टेलीग्राम पाइरेसी का सबसे बड़ा टूल बनता जा रहा है।