कहानी- दिल्ली में ठंड की सुबह होती है सब अपने-अपने काम पर जा रहे होते हैं। मैडम सर यानी DCP वर्तिका चतुर्वेदी अपनी बेटी से बात करती हैं, तभी नारायण आकर बताता है मर्डर हुआ है। कहानी की शुरुआत होती है वर्तिका अपने सारे काबिल अफसरों को बुलाती हैं और केस की शुरूआत होती है। इस बार अपराधी बहुत शातिर और साइको भी हैं। वर्तिका की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं। उसपर जनता का दबाव होता है लेकिन उससे ज्यादा ऊपर के अफसरों का होता है।
एक तरफ उसके ऊपर दो निर्दोष लोगों को मीडिया के सामने लाने का भी दबाव होता है, वह उससे निकलने की भी कोशिश करती है। दिलचस्प यह है कि वर्तिका कैसे इस बेरहम और शातिर हत्यारों को पकड़ती है, क्योंकि इस बार के अपराधी आम नहीं है। वो कोई और भेष रख अपराध को अंजाम दे रहे हैं। इधर, ACP नीति सिंह अपनी निजी जीवन से परेशान रहती है। देवेंदर से शादी के बाद वह समय निकालने और परिवार को मैनेज करने में विफल होती रहती है।
एक्टिंग- वर्तिका के रोल में शेफाली शाह ने रोल के साथ न्याय किया है। उन्होंने DCP के रोल को ऐसे निभाया है जैसे वह सच में ही IPS हों। सीरीज में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल हैं भूपिन्दर यानी राजेश तैलंग का, उन्होंने भी अपने रोल को दमदारी से निभाया है। दिल्ली क्राइम में सबसे अच्छी बात है इसके साइड कैरेक्टर चाहे वो जयराज, सुधीर या आशुतोष का ही हो। तिलोत्मा शोम अपने किरदार को बेहद संजीदगी से निभाया है। इसमें वह अलग अंदाज में नजर आई हैं।