कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को रोकने के लिए एक्सपर्ट ने सुपर वैक्सीन का फॉर्मूला सुझाया है और इसे नाम दिया है बाईवेलेंट वैक्सीन। एक्सपर्ट का मानना है कि ओमिक्रॉन की संक्रामकता और म्यूटेशन को देखते हुए बूस्टर डोज भी इसे रोक नहीं पाएगी। जरूरत एक ऐसी वैक्सीन की है, जिसमें वुहान का वाइल्ड वायरस हो और ओमिक्रॉन वैरिएंट भी।
एक्सपर्ट ने तर्क दिया कि अमेरिका से भारत लौटा एक व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित हो गया। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि उसने कोरोना की दोनों डोज के अलावा बूस्टर डोज भी ले रखी थी।
अमेरिका की फाइजर कंपनी ने तो वैक्सीन के चौथे डोज यानी दूसरे बूस्टर की पेशकश कर दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन के लिए बूस्टर से बेहतर बाईवेलेंट वैक्सीन है, जो एक साथ दो वायरस पर अटैक करने में सक्षम होती है। यह चर्चा तब शुरू हुई है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेताया है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चलते ओमिक्रॉन के केस 3 दिनों में दोगुने हो रहे हैं।
तीन डोज के बाद भी ओमिक्रॉन से सुरक्षा क्यों नहीं?
अमेरिका से मुंबई लौटा 29 साल का युवक जब ओमिक्रॉन से संक्रमित मिला तो उससे जुड़ी एक बात ने विशेषज्ञों को चौंका दिया। युवक ने वैक्सीन के दो डोज के साथ-साथ बूस्टर डोज भी ले रखा था। इससे यह सवाल उठता है कि वैक्सीन के तीन डोज लेने के बाद भी वह वायरस से सुरक्षित क्यों नहीं था?