ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच के परिवार का हुक्कापानी बंद किया

ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच के परिवार का हुक्कापानी बंद किया

छत्तीसगढ़ के जांजगीर में धान खरीदी केंद्र शिफ्ट करने के सरकारी फैसले पर सहमति जताना गांव के पूर्व सरपंच को भारी पड़ गया। ग्रामीणों ने उनके परिवार का हुक्कापानी बंद कर सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर राष्ट्रपति तक की है। पूर्व सरपंच अभी सहकारी समिति के संचालक मंडल के सदस्य हैं। पूरा मामला जिले के डभरा तहसील के फरसवानी गांव का है।

दरअसल, धान खरीदी केंद्र पहले फरसवानी गांव में था। इसके अंतर्गत तीन गांव गोबरा, चुरतेला और फरसवानी आते हैं। जगह की समस्या के चलते प्रशासन की ओर से खरीदी केंद्र को गोबरा शिफ्ट किए जाने का निर्णय लिया गया। तीनों गांवों की सार्वजनिक बैठक भी बुलाई गई। सभी ग्रामीणों ने सहमति जताई, लेकिन फरसवानी गांव इसके विरोध में था, लेकिन प्रशासन के इस फैसले का समर्थन गांव के पूर्व सरपंच बाबू लाल ने कर दिया।

दो दिन पहले ग्रामीणों ने किया था चक्काजाम
पूर्व सरपंच के इस समर्थन पर ग्रामीण भड़क गए। दो दिन पहले ग्रामीणों ने रास्ता बंद कर प्रदर्शन किया। इसके बाद सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी अश्विनी पांडेय ने लोगों को आश्वासन देकर शांत कराया। इसके बावजूद ग्रामीणों का गुस्सा सहकारी समिति संचालक मंडल के सदस्य और पूर्व सरपंच बाबू लाल पर निकला। आरोप है कि पंचायत बुलाकर बाबू लाल के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्कापानी बंद करने का निर्णय हो गया।

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