एक हफ्ते से कुछ दिन ज्यादा हुए, जब जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी देखी गई। 6 दिन में भारतीय सेना के 2 जूनियर कमीशंड अफसरों समेत कुल 9 जवान शहीद हुए। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को शक है कि जंगलों में मौजूद कुछ आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के कमांडोज ने ट्रेनिंग देकर घुसपैठ कराई है। आतंकी हमलों में कुछ गैर कश्मीर मूल के लोग भी मारे गए हैं।
पुंछ से मिले सुराग
पुंछ के जंगलों में करीब 8 दिन से घुसपैठ और एनकाउंटर्स का सिलसिला जारी है। बीते कुछ साल में भारतीय सेना पर यह सबसे घातक हमले हैं। सेना और पुलिस को शक है कि इस इलाके में मौजूद आतंकियों को पाकिस्तानी फौज के कमांडोज ने ट्रेनिंग दी है, इसीलिए वे भारतीय सेना और दूसरे सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं। इन 8 दिनों में सेना की जवाबी कार्रवाई में कितने आतंकी मारे गए हैं, यह अभी साफ नहीं हो सका है क्योंकि इन आतंकियों की लाशें बरामद नहीं हुई हैं।
घने जंगल में चल रहा सर्च ऑपरेशन
पुंछ के इस इलाके में करीब 9 किलोमीटर का घना जंगल है। इसको चारों तरफ से घेरा गया है और सर्च ऑपरेशन भी चल रहा है, साथ ही फायरिंग भी जारी है। 10 अक्टूबर को हुए एनकाउंटर में हमारे पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें एक JCO भी शामिल थे। यह एनकाउंटर डेरा वाली गली में हुआ था जो पुंछ जिले का ही हिस्सा है और LOC के करीब है।