नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का विपक्ष ने विरोध किया है। गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, इन तीन राज्यों में BSF का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक होगा। पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था। BSF के अधिकारी पुलिस की तरह ही तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं। पंजाब और पश्चिम बंगाल की सरकार ने इस कदम को ‘तर्कहीन फैसला’ बताते हुए कहा कि यह ‘संघवाद पर सीधा हमला’ है। अभी यह साफ नहीं कि फैसले से पहले राज्य सरकारों को बताया गया था या नहीं। पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार की प्रतिक्रियाओं से तो ऐसा नहीं लगता।
क्या बदल गया है?
- नए आदेश के अनुसार, इन तीन राज्यों में बॉर्डर से 50 किलोमीटर भीतर तक के इलाके में बीएसएफ ऑपरेट कर सकेगी। केंद्र ने 2014 के नोटिफिकेशन में बदलाव करते हुए BSF की शक्तियां बढ़ाई हैं।
- तीन राज्यों में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के साथ-साथ कुछ राज्यों में घटाया भी गया है। जैसे- मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और त्रिपुरा में उसके अधिकार क्षेत्र को 20 किलोमीटर तक घटा दिया गया है। इन राज्यों में पहले BSF का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर भीतर तक था।
- गुजरात में भी BSF के अधिकार क्षेत्र को 80 से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। राजस्थान में BSF का इलाका पहले ही तरह 50 किलोमीटर भीतर तक रहेगा।
- नोटिफिकेशन के अनुसार, BSF के पास इस दायरे में पासपोर्ट ऐक्ट, NDPS ऐक्ट, कस्टम्स ऐक्ट, CrPC आदि के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार होगा।