छत्तीसगढ़ के जशपुर में 60 साल के एक बुजुर्ग की हिम्मत ने डकैती को नाकाम कर दिया। घर में सोमवार देर रात देशी कट्टा और फरसा लेकर घुसे 5 डकैतों से बुजुर्ग अकेले ही भिड़ गए। उनके इस हमले में डकैतों का एक साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। साथी डकैत उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। इस बीच सूचना मिलने पर पुलिस भी एंबुलेंस कर्मचारी के रूप में पहुंची और 24 घंटे में 3 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि एक की तलाश की जा रही है। मामला लोदाम चौकी क्षेत्र का है।
ग्राम कुडिंग महुआ टोली के जोगीपारा निवासी सुरेशदास बैरागी (60) सोमवार को पत्नी और दो जवान बेटों के साथ घर में ही थे। बेटे मोबाइल पर गेम खेल रहे थे, जबकि सुरेश पत्नी के साथ किचन में खाना बना रही थी। इसी दौरान शाम करीब 7.30 बजे दरवाजे पर दस्तक हुई। आवाज सुनकर सुरेश के बेटे ने दरवाजा खोला तो उसे धक्का देते हुए 5 डकैत अंदर घुस आए। डकैतों ने दरवाजा बंद कर दिया। शोर सुनकर सुरेशदास और उनकी पत्नी बाहर निकले।
रुपयों और गहनों की मांग कर सुरेश दास को बदमाश पीटने लगे
इस पर डकैतों ने सुरेश दास को पकड़ लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। सुरेशदास की पत्नी ने 10 हजार रुपए निकालकर डकैतों को दे दिए। ये पैसे धान बेचने पर उन्हें मिले थे। इसके बाद डकैत गहनों की मांग करते हुए सुरेश दास को पीटने लगे। बचाव में सुरेश दास ने भी पलटवार किया। उसके हाथ में जो आया उसी से मारा। इसमें एक डकैत को गंभीर चोट लग गई। डकैतों को हड़बड़ता देख पत्नी और बेटों ने भी शोर मचा दिया। आवाज सुनकर बस्ती के लोग एकत्र होने लगे तो डकैत भाग निकले।