काबुल में विरोध-प्रदर्शन को हथियारों से दबाया जा रहा

काबुल में विरोध-प्रदर्शन को हथियारों से दबाया जा रहा

तालिबान चाहे लाख दावे करे कि वह बदल गया है, लेकिन हकीकत ये है कि वह आज भी वैसा ही क्रूर और महिलाओं के खिलाफ दरिंदगी दिखाने वाला है जैसा 20 साल पहले था। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से आए दिन इसके सबूत सामने आ रहे हैं। राजधानी काबुल में एक महिला को घेरकर पीट रहे तालिबानियों की एक और तस्वीर सामने आई है। ये महिला काबुल के करत-ए-चार इलाके में हो रहे प्रदर्शन में शामिल थी। इसी दौरान तालिबानियों ने इसे घेर लिया और लाठी-कोड़े बरसाने लगे।

तालिबानी सरकार के ऐलान से पहले ही अफगानी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन तालिबान उन्हें बंदूक के दम पर दबाने में लगा है। तालिबानी सरकार में किसी महिला को शामिल करना तो दूर बल्कि उन पर नई-नई पाबंदिया लगाई जा रही हैं। इससे महिलाओं की नाराजगी बढ़ रही है, लेकिन तालिबान कभी फायरिंग कर तो कभी कोड़े बरसाकर उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि पिछले दिनों ये फरमान भी जारी कर दिया गया कि विरोध-प्रदर्शन से पहले इजाजत लेनी होगी और ये तक बताना होगा कि नारे कौनसे लगाएंगे।

तालिबान राज में भुखमरी की ओर बढ़ रहा अफगानिस्तान
भुखमरी की ओर बढ़ रहे अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) 147.26 करोड़ रुपए की मदद देगा। वहीं, अफगानिस्तान मीडिया ने दावा किया है कि अमेरिका भी करीब 471 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद करने जा रहा है।

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