एयरपोर्ट और हाईवे जैसी प्रॉपर्टीज के इस्तेमाल के अधिकार बेचकर 4 साल में 6 लाख करोड़ जुटाएगी सरकार

एयरपोर्ट और हाईवे जैसी प्रॉपर्टीज के इस्तेमाल के अधिकार बेचकर 4 साल में 6 लाख करोड़ जुटाएगी सरकार

केंद्र सरकार ने अपनी संपत्तियों के नियत अवधि तक इस्तेमाल का अधिकार बेचकर और इनविट जैसे निवेश के अन्य तरीकों से अगले 4 साल में 6 लाख करोड़ रुपए (81 बिलियन डॉलर) जुटाने की योजना बनाई है। सरकार को इससे अपना खजाना भरने और वित्तीय घाटे को काबू में रखने में मदद मिलेगी, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लॉन्ग टर्म में सपोर्ट भी मिलेगा।

पुराने और चालू एसेट में निजी निवेश को आकर्षित किया जाएगा
पुराने और चालू हालत वाले एसेट में निजी निवेश आकर्षित करने की योजना को नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन यानी NMP का नाम दिया गया है। इस प्लान के तहत रोड और रेलवे संपत्तियों, एयरपोर्ट, पावर ट्रांसमिशन लाइनें और गैस पाइपलाइनों को बेचे बिना उनमें निजी क्षेत्र का निवेश लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को इसका रोडमैप जारी किया।

मॉनेटाइजेशन का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में लगाया जाएगा
छह लाख करोड़ रुपए की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना को आज वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिवाइवल के लिए इंफ्रा सेक्टर अहम रोल निभाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पब्लिक प्रॉपर्टी में निजी निवेश लाने के लिए उनको मॉनेटाइज करेगी। इससे जो भी रकम आएगी उसका इस्तेमाल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में किया जाएगा।

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