जनवरी 2022 से आपको पेमेंट के लिए हर बार कार्ड के 16 डिजिट वाले नंबर्स को डालना जरूरी होगा। पेमेंट गेटवे कंपनियां आपके कार्ड की डिटेल सेव नहीं कर सकती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक इसके लिए पूरी तरह से कमर कस चुका है।
पेमेंट गेटवे कंपनियां नियमों से छूट चाहती हैं
दरअसल पेमेंट गेटवे कंपनियां चाहती हैं कि रिजर्व बैंक इस तरह के नियमों से उन्हें छूट दे, लेकिन रिजर्व बैंक किसी भी हालात में इस तरह की कोई भी छूट देने के विरोध में है। इस नियम के मुताबिक, जनवरी 2022 से एक ही क्लिक पर पेमेंट ऑपरेटर्स को चेकआउट सेवाएं देने, उनकी कार्ड डिटेल्स की स्टोरिंग करने पर रोक लग सकती है।
डेबिट और क्रेडिट दोनों कार्ड पर लागू होगा नियम
डेबिट और क्रेडिट दोनों कार्डधारकों को 2022 से ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए हर बार अपने कार्ड के 16 अंकों के नंबर को दर्ज करने की जरूरत हो सकती है। फिलहाल ऐसा नियम है कि आपने एक बार पेमेंट कर दिया, तो दूसरी बार आपको केवल कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू (CVV) और वन टाइम पासवर्ड (OTP) ही देना होता है। इसके बाद आपका पेमेंट हो जाता है।
ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है ड्राफ्ट
जानकारों के मुताबिक, RBI की नई नीतियों का ड्राफ्ट ग्राहक सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। हालांकि, मौजूदा सिस्टम ठीक-ठाक लगता है, पर इससे कई बार नियमों का उल्लंघन होता है। साथ ही साइबर खतरे भी बने रहते हैं, क्योंकि ग्राहक के कार्ड की जानकारी उनके सिस्टम पर रहती है जो सीधे RBI की निगरानी में नहीं है।