-राज्य योजना आयोग द्वारा अध्ययन के लिए दी जाएगी आर्थिक सहायता
दक्षिणापथ, रायपुर। राज्य योजना आयोग द्वारा प्रदेश के संतुलित विकास के लिए उपयुक्त प्रासंगिक एवं विकासोन्मुखी विषयों पर अध्ययन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है। इसके अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, अनुसंधानकर्ताओं के साथ ही निजी अनुसंधानकर्ताओं को भी अध्ययन प्रयोजन के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इच्छुक व्यक्ति या संस्था आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अध्ययन प्रयोजन के लिए प्रस्ताव ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं। 15 अगस्त 2021 तक प्राप्त प्रस्तावों पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा। अध्ययन प्रयोजन प्रस्ताव के संबंध में दिशा-निर्देश राज्य योजना आयोग की वेबसाइट http://spc.cg.gov.in पर उपलब्ध है। इच्छुक आवेदक प्रासंगिक विषयों पर निर्धारित प्रारूप में अपना प्रस्ताव ईमेल आईडी ms.cgpc@gov.in पर आयोग के सदस्य-सचिव को भेज सकते हैं।
इन विषयों पर दे सकते हैं प्रस्ताव
छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन : वर्तमान स्थिति, चुनौतियों तथा अवसर का अध्ययन : रणनीतिक हस्तक्षेप के क्षेत्र। छत्तीसगढ़ में फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाईजेशन : वर्तमान स्थिति, चुनौतियों तथा अवसर का अध्ययन : सशक्तिकरण के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स उत्पादन : क्षेत्र विस्तार, मूल्य आवर्धन एवं विपणन की संभावना, पोषण आहार कार्यक्रम में सम्मिलित करने पर अध्ययन, संस्तुतियाँ। छत्तीसगढ़ में रूरल इंडस्ट्रियल पार्कः ग्रामीण अर्थव्यवस्था में छोटे और मझौले उत्पादन इकाईयों एवं इनके उत्पाद विपणन के अवसर, गोठानों से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को जोड़ने की संभावना का अध्ययन, संस्तुतियाँ। छत्तीसगढ़ में रोजगारोन्मुख शिक्षा : दशा एवं भविष्य की दिशा : नए राज्य–प्रासंगिक वोकेशनल कोर्सेस, शिक्षावृत्ति के अवसर, संस्तुतियां। छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण : वर्तमान स्थिति, खाद्यान्न एवं उनके प्रसंस्करण से मूल्य आवर्धन एवं विपणन की संभावना का अध्ययन, छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज : प्रसंस्करण, मूल्य आवर्धन, भण्डारण, विपणन की वर्तमान चुनौतियां, बेहतर मूल्य से सुदृढ वन एवं वनेत्तर क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था : रणनीतिक हस्तक्षेप। बस्तर एवं सरगुजा संभाग में वन अधिकार पत्र वाले वनक्षेत्रों का वर्तमान भूउपयोग : अध्ययन एवं इसकी अधिक उत्पादक एवं आयअर्जक संभावना का अध्ययन। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई नगर निगम क्षेत्र में शहरी बेरोजगारी : वर्तमान स्थिति, रोजगार के क्षेत्र, स्किल गैप, स्वरोजगार और वित्त पोषण की संभावना। छत्तीसगढ़ में महिलाओं एवं बच्चों में रक्त अल्पता एवं अन्य कुपोषण : पोषण आहार की वर्तमान स्थिति एवं पहुंच, आहार के संगठक तत्व में बायोफार्टीफिकेशन से पोषक तत्व बढाने की संभावनायें : पहुंच बढ़ाने के लिए ढांचागत सुधार। छत्तीसगढ़ में इंडस्ट्री-एकेडेमिया इंटरफेस : वर्तमान स्थिति, गैप एरिया, एप्रेटिंसशिप कोर्स मय स्टायपेंड, प्लेसमेंट का अध्ययन : सहयोग बढ़ाने के क्षेत्र। छत्तीसगढ़ में सूक्ष्म तथा लघु उद्योग : वर्तमान स्थिति, चुनौतियां, नव उद्यमियों की दिक्कतें, रणनीतिक एवं नीतिगत हस्तक्षेप। छत्तीसगढ़ में पर्यटन सेक्टर की वर्तमान दशा एवं चुनौतियाँ, ईको-टूरिज्म, रूरल टूरिज्म, एंथ्रोपॉलिजीकल टूरिज्म, रीलिजियस टूरिज्म एवं अन्य थीमबेस्ड टूरिज्म सर्किट्स की संभावना का अध्ययन। छत्तीसगढ़ में नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट : सुरक्षित निपटान की चुनौतियां, सुरक्षित एवं उपयोगी प्रबंधन की रणनीति। छत्तीसगढ़ में लाख उत्पादन : वर्तमान क्षेत्र विस्तार एवं मूल्य आवर्धन की संभावना का अध्ययन। प्रदेश के ताप विद्युत गृहों से निकलने वाले फ्लाईएश : परिमाण, सुरक्षित संग्रहण एवं निपटान, उपयोगी उत्पादों के निर्माण की संभावनाओं का अध्ययन। छत्तीसगढ़ में व्यावसायिक शिक्षा : वर्तमान स्थिति, व्यवहारिक कठिनाईयां, समाधान एवं संभावनायें, स्वरोजगार, उद्यमिता एवं वित्त पोषण का अध्ययन। छत्तीसगढ़ में नवीनीकरण ऊर्जा : विभिन्न स्त्रोतों से उत्पादन की वर्तमान स्थिति, विस्तार की संभावना, ऊर्जा संरक्षण के प्रयासों का अध्ययन। राज्य में संचालित वोकेशनल कोर्स, उनकी उपयोगिता का अध्ययन कर तथा वर्तमान परिदृश्य में नवीन वोकेशनल कोर्स की आवश्यकता संबंधित सुझाव। गोबर एवं गौमूत्र के उपयोग से विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण, विपणन एवं व्यवसायीकरण, आय प्राप्ति की वर्तमान वस्तुस्थिति, चुनौतियों का अध्ययन कर विभिन्न उत्पाद बनायें जाने की संभावना व विपणन हेतु प्रभावी बिजनेस मॉडल हेतु सुझाव। राज्य के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में पोषण, शिक्षा एवं रोजगार की स्थिति का अध्ययन एवं उनमें सुधार पर सुझाव। राज्य में संचालित महिला स्वसहायता समूहों द्वारा ली जा रही गतिविधियों व आय अर्जन की वस्तुस्थिति का अध्ययन तथा सक्रिय और अधिक कार्यकुशल एवं प्रबंधन कुशल बनाए जाने हेतु सुझाव। राज्य के शासकीय नर्सरी की वर्तमान वस्तुस्थिति, चुनौतियों के संबंध में अध्ययन तथा पूर्ण क्षमता से क्रियान्वयन की सुनिश्चितता हेतु रणनीति। राज्य की आवश्यकतानुसार गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता की सुनिश्चितता हेतु शासकीय नर्सरी के विनियमन की आवश्यकता के संबंध में अध्ययन।