कृषि मंत्री के क्षेत्र का हाल: ग्रामीण इलाकों में पशु औषधालय तो खोला गया लेकिन आज तक नहीं हो पाया पशु चिकित्सक की नियुक्ति!

कृषि मंत्री के क्षेत्र का हाल: ग्रामीण इलाकों में पशु औषधालय तो खोला गया लेकिन आज तक नहीं हो पाया पशु चिकित्सक की नियुक्ति!

दक्षिणापथ, साजा (हिरेन्द्र सिन्हा) । साजा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरतरा, बेलतरा, ठेलका, कन्हैया, भटगांव, नगर पंचायत क्षेत्र परपोड़ी, देवकर आदि जगहों में पशुऔषधालय खोला गया लेकिन अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति करना विभाग भूल गया, यह बात इसलिए भी जन चर्चा में है कि यह क्षेत्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे का है एवं उनके ही विभाग में जब यह बुरा हाल उनके ही विधानसभा क्षेत्र में हो तो पुरे प्रदेश की क्या हालत होगी? यहा पर यह बताना जरूरी है कि अभी वर्तमान मे छत्तीसगढ कि भूपेश सरकार नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की थीम पर काम कर रही है। पशुपालन मंत्री के क्षेत्र में जब यह हालात हो तो उनकी थीम का क्या होगा । पूरे साजा क्षेत्र में मौसम परिवर्तन के चलते मौसमी बीमारियों से पशु पालक एक ओर जहां चिंतित है वहीं पालतू पशु मवेशियों को बुखार, खुरहा जैसे अनेक बीमारी का खतरा बना रहता है। दुधारू गायों में थनोट जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर सही समय पर इलाज के अभाव में लोग पशुपालन से पीछे हट रहे हैं । बीमारी के प्रभाव होने से दुधारू गाय दूध देना बंद कर देती है लगभग 10 से 15 साल पहले इस क्षेत्र में पशु औषधालय तो जरूर खोल दिया गया लेकिन अभी तक पर्याप्त इन औषधालयो में अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है और ना ही अभी तक जिला प्रशासन एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा आज पर्यंत तक कोई पहल नहीं की गई है। इससे पशुपालकों में मायूसी छाई हुई है एवं अपने बीमार पशुओं के इलाज कराने भटक रहे हैं। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि पशु औषद्यालय में अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण अधिकांश पशु औषद्यालय बंद ही रहता है । पशु औषद्यालय में अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति करने की मांग की गई लेकिन अभी तक पशुपालन मंत्री के साजा विधानसभा क्षेत्र में जब नियुक्ति नहीं हो पाई तो पूरे छत्तीसगढ़ में पशुऔषधालयों का क्या हाल होगा। विखं. साजा में 10 से 15 साल से कार्य कर रहे निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता विभाग द्वारा दिया गया है जैसे कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, टीकाकरण, गौठान सेवा, बांझपन, प्राथमिक उपचार, पशु चिकित्सा शिविर आदि का कार्य करते हैं जो कि उनके पास अनुभव है यदि विभाग चाहे तो बंद पड़े या खाली पड़े पशु औषधालयो में इन लोगों की नियुक्ति कर दे तो विभागीय कार्यों में और तेजी आ जाएगी जिससे क्षेत्र के किसानों एवं पशुपालकों को फायदा होगा और किसानों एवं पशुपालकों को सही समय पर डॉक्टर मिल सके ताकि साजा क्षेत्र में और अच्छे ढंग से पशुपालन की व्यवस्था हो सके।