कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मिलने से इनकार कर दिया। पोप वेटिकन सिटी में रहते हैं। वेटिकन ने एक बयान में कहा- अमेरिका में इस वक्त चुनाव प्रक्रिया चल रही है। चुनावी दौर में पोप किसी नेता से मुलाकात नहीं करते।
हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पोम्पियो ने पोप से मिलने से पहले चीन में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर एक बयान दिया था। वेटिकन नहीं चाहता था कि पोम्पियो वेटिकन का इस्तेमाल सियासी फायदे के लिए करें।
वेटिकन का आरोप
पोम्पियो चार देशों की यात्रा के तहत वेटिकन सिटी पहुंचे थे। यहां पहुंचने से पहले उन्होंने कहा था कि चीन में मानवाधिकारों का उल्लंघटन हो रहा है। वहां बाकी लोगों के साथ ईसाइयों को भी परेशान किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेटिकन के अफसर इसी बयान को लेकर नाराज थे। इसलिए, जब पोम्पियो ने पोप फ्रांसिस से मिलना चाहा तो वेटिकन ने इससे इनकार कर दिया। वेटिकन ने कहा- चुनावी दौर में पोप किसी नेता से नहीं मिलते। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पोम्पियो से पोप से मुलाकात का इस्तेमाल सियासी फायदे के लिए करना चाहते थे।