भारत का ओलिंपिक में एथलेटिक्स का गोल्ड जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया है। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने देश को इस खेल में गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने शनिवार को हुए फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ जेवलिन थ्रो इवेंट में पहला स्थान हासिल किया।
भारत ने 1900 में हुए दूसरे ओलिंपिक गेम्स में पहली बार हिस्सा लिया था। तब से आज तक कोई भारतीय एथलेटिक्स के किसी इवेंट में मेडल नहीं जीत पाया था। 1900 ओलिंपिक में ब्रिटिश इंडिया की ओर से खेलते हुए स्प्रिंटर नॉर्मन प्रिटचार्ड ने दो सिल्वर मेडल जीते थे। लेकिन, प्रिटचार्ड अंग्रेज थे भारतीय नहीं।
नीरज ने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे अटैम्प्ट में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका था। जबकि तीसरे अटैम्प्ट में उन्होंने 76.79 मीटर दूर भाला फेंका था। चौथे और पांचवें अटैम्प्ट में उन्होंने फाउल थ्रो किया। छठवें अटैम्प्ट में उन्होंने 84.24 मीटर दूर भाला फेंका।
क्वालिफाइंग में 86.65 मी. का थ्रो किया
नीरज इस समय बेहतरीन लय में हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के क्वालिफाइंग इवेंट में 86.65 मीटर का थ्रो किया था। उन्होंने क्वालिफाइंग के ग्रुप A और ग्रुप B को मिलाकर पहला स्थान हासिल किया था। नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर है। इस थ्रो के साथ उन्होंने 2018 एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीता था।